Operating system (OS) (हिन्दी: प्रचालन तंत्र) सिस्टम सॉफ्टवेर है, जो शुरू में एक बूट प्रोग्राम द्वारा कंप्यूटर में लोड होने के बाद, कंप्यूटर में अन्य सभी एप्लिकेशन प्रोग्रामों का प्रबंधन करता है। यह यूज़र और कम्प्यूटर के बीच में एक इंटर्फेस के तोर पर कार्य करता है।आप इसे यूज़र और कम्प्यूटर में किसी file के बीच बातचीत करने का माध्यम कह सकते हैं।
इसके अलावा, एक यूजर इंटरफेस, जैसे कमांड-लाइन इंटरफेस (CLI) या ग्राफिकल यूआई (GUI) के माध्यम से ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ सीधे इंटरैक्ट कर सकते हैं। इसको सिस्टम सॉफ़्टवेयर भी कहा जाता है। ज़्यादातर लोग इसको छोटे नाम “OS” भी बुलाते हैं।
मैं आपको इसे सरल भाषा में समझाने की कोशिश करता हूँ, जब Computer को चलाते हो तब OS ही आपको Computer चलाने का माध्यम या फिर ज़रिया बनता है। आपके द्वारा किसी सोफ्टवेयर को दि गई command जैसे की Word document के ऊपर double click, keyboard में कुछ लिखते हों और कुछ file computer में save करना सब कुछ operating system के माध्यम से ही होता है। अगर आपके कम्प्यूटर में operating system न हो तो आपका कम्प्यूटर नहीं चलेगा।
Use of operating system और इसका क्या मतलब होता है।
जब आप कोई नया कंप्यूटर ख़रीदते हो तो उसमें window 8 या फिर window 10 और Apple ios होता है। जब आप अपने computer को घर ले जाकर on करते हो तो यह operating system के माध्यम से ही on होता है। अगर आपके computer में operating system ही नहीं है तो वह कभी on ही नहीं होगा।
जब आप Computer को on करते हो या फिर बन्द करते हो तब आप operating system को देखते हो।आप game, Photoshop, word या excel document, VLC, media player और बहुत सार अलग-अलग software और program को जिस माध्यम के द्वारा चलाते हैं या फिर यूँ कहें कि जिसके द्वारा हम अपनी command (आदेश) को ईन program या software तक पहुँचाते हैं उसको operating system बोलते है। जिस प्रकार हम keyboard पर कुछ input (आदेश) देते हैं तो operating system हमारी input (आदेश) को processes करता है और output को screen पर दिखाता है।
हमारा कोई भी device चाहे वोcomputer हों या फिर phone हो बीना operating system के चल ही नहीं सकता। इसलिए इसे system software भी बोला जाता है । आज कल phone में ज़्यादातर android OS का इस्तेमाल होता है। वैसे apple के phone में iOS operating system का इस्तेमाल होता है। वैसे ही बहुत सारे operating system अलग अलग phone में इस्तेमाल होते हैं।
Types of operating system
Operating system के कुछ प्रसिद्ध type इस प्रकार है:
- Multitasking OS
- Multiprocessing OS
- Batch OS
- Real time OS
- Network OS
- Mobile OS
- Distributed OS
Multitasking operating system
Multitasking operating system या फिर यूँ कहें की time sharing operating system एक ही समय पर एक ही computer को उपयोग करने के लिए अलग अलग स्थान पर आपको सक्षम बनाता है। प्रोसेसर टाइम (CPU) जिसे कई यूज़र्स के बीच share किया जाता है, time sharing कहलाता है। आप इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि एक समय पर दो लोग एक ही Computer का इस्तेमाल इस OS के माध्यम से कर सकते हैं।
Batch operating system
अपने कंप्यूटर की कुछ प्रक्रियाओं को देखा होगा जो कि बहुत लंबी और समय देने वाली होती है।एक ही प्रकार की प्रक्रियाओं को चलाने के लिए और समान प्रकार की आवश्यकताओं वाली प्रक्रिया को एक साथ Batch(जत्था, group) में किया जाता है और एक समूह के रूप में चला जाता है। इस प्रकार के operating system का यूज़र कभी भी सीधे इंटक नहीं करता।इस प्रकार के OS में यूज़र अपने काम को ऑफ़लाइन करता है और उसे कंप्यूटर ऑपरेटर को submit (प्रस्तुत करना)करता है ।
Real time operating system
एक ऐसा operating system जो आपकी input पर बहुत कम समय पर प्रतिक्रिया देता है या फिर यूँ कहें की output देने में काफ़ी कम समय लेता है, ऐसे सिस्टम को Rael Time OS कहते है। उदाहरण: मिलिट्री सॉफ़्टवेयर सिस्टम, स्पेस सिस्टम
Network operating system
यह सिस्टम सर्वर पर चलता है। यह OS आपको डेटा, सुरक्षा, एप्लीकेशन और अन्य नेटवर्किंग कामों को करने में क्षमता प्रदान करता है।
Distribute d operating system
Distributed OS अपने यूज़र्स को बहूत तेज़ या फिर यूँ कहें कि बहुत fast गणना प्रदान करने के लिए विभिन्न मशीनों में स्थित कई प्रोसेसर का उपयोग करता है।
Mobile operating system
एक ऐसा सिस्टम जो विशेष रूप से आपके फ़ोन, टैबलेट और स्मार्ट वॉच के लिए बढ़ाया गया है । उदाहरण: Android, iOS etc.
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions of operating system)
वैसे तो कंप्यूटर में आप जो भी काम करते हैं उसमें OS उस काम को करने में आपकी मदद करता है लेकिन जब आप कंप्यूटर को on करते हो तो OS RAM में load होता है और उसके बाद यूज़र को कंप्यूटर चलाने के लिए जो सॉफ्टवेर चाहिए उनको allocate करता है। चलिए ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ अलग अलग कामों को detail में समझने की कोशिश करते हैं।
- Memory management
Operating system सबसे तेज चलने वाली main memory का कितना हिस्सा और कौन सा हिस्सा किसके लिए इस्तेमाल होगा को तय करता है।जब हम कोई कार्य करते हैं या फिर कुछ software खोलते हैं तो उसके लिए जो memory लगती है, ऑपरेटिंग सिस्टम decide करता है की इसको कितनी memory देनी है और कार्य पूरा होने पर memory को वापस ले लेता है।
- Device management
आपके कम्प्यूटर में बोहोत सारे drivers तो होते ही है जैसे की graphic driver, Wi-Fi driver,video driver, audio driver ये सब driver input और output को चलाने में मदद करते हैं लेकिन इन सब drivers को operating system ही चलाता है। जब हम कोई print या फिर external screen को चलाते हैं तो ये काम task output device, printer या external screen की मदद से होता है। और इन दोनों device को कब input/output देनी है ये काम operating system करता है ।
File management
Operating system फ़ाइलों को एक स्थान पर storage करना, फ़ाइलों को न देना, file sharing और फ़ाइल को सुरक्षा प्रदान करता है।
secondary storage management
सिस्टम में storage के पीछे पर होते हैं जिनमें प्राइमरी storage, secondary storage और cache storage शामिल हैं इनमें से प्राइमरी Storage और cache storage को कहाँ पर रखना है और कौन storage कहाँ पर move/copy करनी है ये सब OS के द्वारा होती है
दोस्तों आज अपने ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है जोकि आपके फ़ोन, ATM, कंप्यूटर, स्मार्ट TV, स्मार्ट मशीन इत्यादि मैं होता है के बारे में अपने आज जाना है।अगर दोस्तों आपको यह जानकारी knowledgeable लगी हो तो इसको सोशल मीडिया पर शेयर ज़रूर करे।।
Greetings! Very useful advice within this article! Its the little changes that make the most important changes. Thanks for sharing!
Excellent blog post. I definitely appreciate this website. Continue the good work!